लेखनी कहानी -19-Jul-2022..... मानसून स्पेशल...बरसातकी रात..
बरसात की रात.. (5)
दो वर्ष पूर्व.....
रुही रोज़ की तरह कालेज आई...। अपने लेक्चर अटेंड किए और कैंटीन में जय और विजय से बात हुई.... महादेव के मंदिर में चलने के लिए...। जिसके लिए रुही ने मना कर दिया था...।
उसी दिन जय और विजय कुछ सोचकर कैंटीन से सीधे बाहर चले गए थे ....। जबकि रुही अपने लेक्चर अंटेड करने अपनी कक्षा में जा रहीं थीं...। तभी उसे अर्चना आतीं हुई दिखी....।
रुही :- अर्चना.... तुने मुझे बताया नहीं यार...।
अर्चना :- क्या नहीं बताया रुही...!
रुही :- अरे अभी वो जय मिला था कैंटीन में... बोल रहा था की तुम लोग महादेव के मंदिर जा रहे हो...!
अर्चना आश्चर्य से... :- मंदिर.... महादेव के... अच्छा...।
दो पल की खामोशी के बाद... हाँ.... याद आया.... वो सारी यार मैं भूल गई.... तु चल रहीं हैं ना..!
रुही :- अरे नहीं... तुम लोग हो आओ.... मुझे बस वहाँ से विडियो काल करके दर्शन करवा देना...। चल मैं चलती हूँ... मेरा लेक्चर हैं अभी...।
अर्चना :- ओके.... बाय... ।
कुछ कदम चलते ही अर्चना ने जय को फोन लगाया...।
हैलो... जय...!
हाँ अर्चु... क्या हुआ डियर...।
क्या हुआ... ये भी मैं बताऊँ...।
अरे हुआ क्या... इतना भड़की हुई क्यूँ हो...?
कुछ भी प्लान बनाते हो तो कम से कम मुझे इंफ्रोम तो कर दिया करो..।
प्लान.... कौनसा प्लान...!
रुही को क्या बोला था... तुमने...!
अरे हाँ... वो हम बात करने ही वाले थे तुमसे... पर क्या हुआ..!
रुही मिली.... अचानक से सवाल करने लगी...। अब क्या जवाब देतीं उसकों...!
लेकिन डियर तुम अभी भी कालेज हो क्या... तुमने तो मुझे कहा था तुम निकल चुकी हो.... फिर रुही कैसे मिली तुझे...!
अरे मैं फीस भरने प्रिसिंपल के आफिस गई थीं...। वहाँ देर हो गई...। निकल ही रही थीं की सामने से रुही मिली... ये तो गनीमत हैं की मैने भूल जाने का कहकर बचा लिया खुद को...। लेकिन मुझे एक बार बता तो दिया होता...। वैसे कब जा रहें हो और कौन कौन जा रहा हैं..!
अरे डियर तुझे तो पता हैं अपना विकास.... रुही को कितना पसंद करता हैं...। बस उसके लिए ही ये प्लान सोचा था पर रुही ने तो मना कर दिया...।
वो तो मना करेगी ही ना.... उसके बाप के रहते कभी वो चलीं हैं ऐसे... साला खड़ुस हैं...।
वो तो हमने विकास को पहले ही बोला था...। पर यार दोस्त की हेल्प करना तो मंगता हैं ना...। बेचारा दिल ही दिल में उसे अपना बना चुका हैं...। बस हमको सच्ची में मिलाना हैं उनकों...। चल कोई नहीं सोचते हैं कुछ...।
ठीक हैं.... लेकिन अगली बार पहले इंफ्रोम कर देना समझा...।
समझ गया मेरी जान... समझ गया...। तु तो अभी से बीवी की तरह डांटने लगी हैं...।
हाँ तो.... कुछ महीनों की ही तो बात हैं फिर तो मुझे तेरा कान पकड़ के मारना भी हैं....।
ओह हो.... सच में तु मुझे मारेगी....!!
हाँ लेकिन शादी के बाद...। चल अभी रखतीं हूँ...।
जय के फोन रखते ही...।
विजय:- चल यार अभी विकास को बता तो दे...। वैसे यार एक बात तो हैं....। तेरी सेटिंग अर्चना के साथ हैं.... मेरी कोमल के साथ... ये विकास की रुही से हो जाए तो तीनों साथ में ऐश ही ऐश करेंगे...।
हाँ वो तो हैं....।
अच्छा एक बात तो बता.... तु सच में अर्चना से शादी करने वाला हैं क्या...!
जय मुस्कुरा कर अपनी बाईक पर बैठा और बोला :- चल बैठ अभी..।
तुने जवाब नहीं दिया जय..!
पागल हैं क्या साले... मेरा दिमाग खराब हैं क्या जो शादी का टेंशन पालूंगा..। अरे यार हर लड़की को करीब लाने का अपना अलग स्टाइल होता हैं.... तेरी कोमल ऐसे ही आ गई.... ओर अर्चना को लाने के लिए शादी का लड्डू दिखाना पड़ेगा... समझा...।
ओहह.... वही मैं भी सोचूँ यार.... हम तीनों हैं तो एक ही थाली के चट्टे भट्टे ...।
जय ने बाईक स्टार्ट की ओर खिलखिलाते हुवे दोनों विकास के घर चल दिए...।
विकास उस इलाके का सबसे ज्यादा रईस और अय्याश किस्म का लड़का था..। शराब.... सिगरेट....सब कुछ उसके लिए नार्मल था...। जय और विजय उसके इसी रुतबे और पैसे की वजह से उसके दोस्त बने थें..।
विकास रुही से प्यार करता था या उसके पीछे कोई ओर मकसद था....। जानते हैं अगले भाग में....।
shweta soni
08-Aug-2022 01:17 PM
Very nice 👍
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MR SID
08-Aug-2022 10:25 AM
Shaandar
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Madhumita
29-Jul-2022 10:06 PM
V nice
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